केंद्र सरकार ने मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश 2025 जारी किए हैं। इससे रैपिडो, ओला, उबर जैसी बाइक टैक्सी कंपनियों को राहत मिलेगी। नए नियमों के तहत राज्य सरकारें प्राइवेट मोटरसाइकिलों को शेयरिंग के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दे सकती हैं। इस कदम से ट्रैफिक और प्रदूषण कम होने के साथ-साथ लोगों को सस्ती सवारी और रोजगार के अवसर मिलेंगे।

नई दिल्ली: रैपिडो, ओला, उबर समेत अन्य बाइक टैक्सी कंपनियों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश 2025 जारी किए हैं। इनमें प्राइवेट (गैर-परिवहन) मोटरसाइकिलों को सवारियों को ले जाने के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है। हालांकि, इस पर अंतिम फैसला राज्यों को लेना होगा। इन नियमों के अनुसार, राज्य सरकारें चाहें तो प्राइवेट बाइक को भी शेयरिंग के लिए इस्तेमाल करने की इजाजत दे सकती हैं। इससे सड़कों पर ट्रैफिक कम होगा, प्रदूषण घटेगा, लोगों को सस्ती सवारी मिलेगी, सामान जल्दी पहुंचाया जा सकेगा और लोगों को रोजगार भी मिलेगा। ये नियम 1 जुलाई 2025 से लागू हो गए हैं।
केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस, 2025 जारी की हैं। इनके अनुसार राज्य सरकारें गैर-परिवहन (प्राइवेट) बाइक को शेयरिंग के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दे सकती हैं। इससे ट्रैफिक कम होगा, प्रदूषण घटेगा, लोगों को सस्ती सवारी मिलेगी, डिलीवरी में मदद मिलेगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
इन गाइडलाइंस के खंड 23 में कहा गया है कि 'राज्य सरकारें शेयरिंग के लिए गैर-परिवहन मोटरसाइकिलों को अनुमति दे सकती हैं।' इसका मतलब है कि अब राज्य सरकारें तय कर सकती हैं कि प्राइवेट बाइक को टैक्सी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं।
कई तरह से होगा फायदा
सरकार का कहना है कि इससे सड़कों पर भीड़ कम होगी और प्रदूषण भी घटेगा। साथ ही, लोगों को सस्ती परिवहन सुविधा मिलेगी, लोकल डिलीवरी में मदद मिलेगी और नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
गाइडलाइंस में राज्य सरकारों को मोटर वाहन अधिनियम की धारा 67(3) के तहत यह अधिकार दिया गया है कि वे ऐसी सेवाओं को अधिकृत कर सकें और एग्रीगेटर्स (जैसे Rapido, Uber, Ola) से परमिशन देने के लिए फीस ले सकें। यह फीस रोजाना, साप्ताहिक या पाक्षिक आधार पर ली जा सकती है।
गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि एग्रीगेटर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके साथ काम करने वाले सभी ड्राइवर नियमों का पालन करें।
केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस, 2025 जारी की हैं। इनके अनुसार राज्य सरकारें गैर-परिवहन (प्राइवेट) बाइक को शेयरिंग के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दे सकती हैं। इससे ट्रैफिक कम होगा, प्रदूषण घटेगा, लोगों को सस्ती सवारी मिलेगी, डिलीवरी में मदद मिलेगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
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इन गाइडलाइंस के खंड 23 में कहा गया है कि 'राज्य सरकारें शेयरिंग के लिए गैर-परिवहन मोटरसाइकिलों को अनुमति दे सकती हैं।' इसका मतलब है कि अब राज्य सरकारें तय कर सकती हैं कि प्राइवेट बाइक को टैक्सी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं।
कई तरह से होगा फायदा
सरकार का कहना है कि इससे सड़कों पर भीड़ कम होगी और प्रदूषण भी घटेगा। साथ ही, लोगों को सस्ती परिवहन सुविधा मिलेगी, लोकल डिलीवरी में मदद मिलेगी और नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।गाइडलाइंस में राज्य सरकारों को मोटर वाहन अधिनियम की धारा 67(3) के तहत यह अधिकार दिया गया है कि वे ऐसी सेवाओं को अधिकृत कर सकें और एग्रीगेटर्स (जैसे Rapido, Uber, Ola) से परमिशन देने के लिए फीस ले सकें। यह फीस रोजाना, साप्ताहिक या पाक्षिक आधार पर ली जा सकती है।
गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि एग्रीगेटर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके साथ काम करने वाले सभी ड्राइवर नियमों का पालन करें।
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