री तरह अंधेरे में सोना न सिर्फ नींद को बेहतर बनाता है, बल्कि हालिया रिसर्च बताती है कि यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की बढ़त को भी रोक सकता है।

क्या आप जानते हैं कि आपकी सोने की आदतें भी आपकी सेहत पर गहरा असर डालती हैं? हाल की रिसर्च (ref) यह इशारा करती है कि अगर आप पूरी तरह अंधेरे में नहीं सोते, तो शरीर में हार्मोनल बैलेंस गड़बड़ा सकता है, जिससे कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
जब हम रौशनी में सोते हैं—चाहे वो नाइट लैम्प हो या मोबाइल स्क्रीन की ब्लू लाइट—तो मेलाटोनिन हार्मोन का स्त्राव बाधित हो जाता है। मेलाटोनिन सिर्फ नींद के लिए नहीं, बल्कि हमारी इम्यूनिटी और कोशिकाओं के रिपेयर सिस्टम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
रिसर्च के मुताबिक (Ref) इस हार्मोन की कमी से बॉडी में सेल डैमेज और ट्यूमर ग्रोथ के चांस बढ़ सकते हैं। (Photo Credit):Canva
मेलाटोनिन हार्मोन- शरीर का नैचुरल प्रोटेक्टर
मेलाटोनिन एक ऐसा हार्मोन है जो हमारे दिमाग में मौजूद पीनियल ग्लैंड से निकलता है और यह शरीर को सिग्नल देता है कि अब सोने का समय हो गया है। लेकिन इसकी भूमिका केवल नींद तक सीमित नहीं है। यह शरीर में कैंसर-रोधी गुणों के लिए भी जाना जाता है। जब आप पूरी तरह अंधेरे में सोते हैं, तो मेलाटोनिन का स्त्राव अधिक होता है, जिससे शरीर की सेल रिपेयर प्रक्रिया बेहतर होती है और फ्री रेडिकल्स का असर घटता है। कई रिस